नियुक्ति ही नहीं, मुक्ति देने वाली शिक्षा की जरूरत

हर वर्ष 11 नवंबर को हम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन…

भागवत की नई दृष्टि और समरस भारत की परिकल्पना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को प्रायः हिंदूवादी संगठन के रूप में देखा जाता रहा है, परंतु वस्तुतः…

आत्मघाती होती शिक्षा प्रणाली: मौतों का भयावह यथार्थ

भारत की शिक्षा प्रणाली को लेकर समय-समय पर प्रश्न खड़े होते रहे हैं। शिक्षा की विसंगतियों…

अमीरी में अभिवृद्धि विद्रोह एवं संकट का बड़ा कारण

विश्व अर्थव्यवस्था पर किए गए हालिया अध्ययन विशेषकर जी-20 पैनल की रिपोर्ट ने एक बार फिर…

गुरु नानक देवः मानवता के पथप्रदर्शक विलक्षण संत

भारत की पवित्र भूमि सदैव से महापुरुषों, संतों और अवतारों की कर्मभूमि रही है। इसी भूमि…

धर्म-स्थलों के हादसें-आखिर कब जागेगा तंत्र?

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में मची भगदड़ में हुई दर्दनाक मौतों ने…

घोषणा-पत्रः लोकतंत्र का सशक्त हथियार या चुनावी छलावा?

बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों ही गठबंधनों ने बढ़-चढ़कर लोकलुभावनी और जनता को आकर्षित या गुमराह…

जानलेवा प्रदूषण, सरकारों की शर्मनाक नाकामी

भारत की वायु में जहर घुल चुका है। हाल ही में चिकित्सा जनरल में प्रकाशित एक…

‘रेवड़ी संस्कृति’ : लोकतंत्र का आधार या प्रलोभन की डगर?

बिहार की राजनीति एक बार फिर चुनावी रंग में रंग चुकी है। हर चुनावी सभा में,…

शहर जहां सौन्दर्य, संभावनाएं एवं संवेदनाएं बिछी

विश्व शहर दिवस हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य शहरीकरण में अंतर्राष्ट्रीय…

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