कुछ लोगों के लिए पॉवरफुल झपकी लेना बहुत अच्छा होता है,कुछ के लिए यह रात की नींद नष्ट करने के बराबर होती है
क्या आप बता सकते हैं कि किसी व्यक्ति को गहरी नींद किस समय आती है? क्या आप पर्याप्त या अधिक नींद लेते है? आप अपने शरीर से पूछें आप के लिए क्या सही है? कुंभकरण को तो सोने के लिए छः महीने भी अपर्याप्त होते थे। कुछ लोगों के लिए खींच-तान कर पांच घंटे की नींद भी काफी होती है। क्या हमारे जीवन की गति के लिए पर्याप्त सोना और सही ढंग से सोना कुछ महत्व रखता है? 25 वर्षीय व्यवसायी साहिल कपूर बदला हुआ नाम कहते हैं कि,‘मैं पूरे हफ्ते सही ढंग से नहीं सों पाता इस लिए मैं रविवार के दिन अपने हफ्ते भर की नींद को पूरी कर लेता हूं.’ विकेंड पर आलस्य में बैठे रहना वास्तव में एक संकेत की तरह होता है कि आप के शरीर को प्रतिदिन पर्याप्त घंटे सोने की जरूरत होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि,‘आप को अपने शरीर की जरूरतों पर जरूर ध्यान देना चाहिए। यह लगातार आप को संकेत देता रहता है व बताता है कि आप को कब और कितना सोना चाहिए.।
झपकी आएं तो क्या सोना चाहिए?
चिकित्सा विशेषज्ञ कहते है कि,‘सोना वह अवस्था है जब हम अपनी चेतना को कुछ समय तक रोक देते है। वह थके हुए शरीर के अंगों और कोशिकाओं को कायाकल्पित व पुनः संचालित करते है और शरीर को सावधान अवस्था से बाहर निकालते है।’ अब वह दिन दूर नहीं जब आप को रात में अच्छी नींद नहीं मिल पाएगी। आप चिढ़चिढ़ा, थका-थका व गुस्से जैसे एहसास करने लगेंगे। नींद जीवन व शरीर की क्रियाओं के लिए परम आवश्यक है और विभिन्न प्रक्रियाओं को करने में सुगमता उपलब्ध कराती है।
स्मरण-शक्ति, याद करना, सामाजिक क्रियाएं-
पर्याप्त नींद हमारे मस्तिष्क के हिस्सों को जो याद करना , जब कोई निर्णय लेना हो और भावनाओं को कम करते समय उसे नियंत्रित करना आदि को करने में मदद करती है.
नर्वस सिस्टम ठीक करना-
विशेषज्ञ कहते हैं कि जब हम रात को सोते है तो दिन के दौरान हम जो न्यूरोस इस्तेमाल करते हैं वह अपने आप पुनः संचालित हो जाते हैं। बिना सोए हमारा नर्वस सिस्टम ठीक ढंग से कार्य नहीं कर पाता है।
रोगमुक्ति-
गहरी नींद के दौरान, जब प्रोटीन निम्र दर से घटती जाती है तो शरीर की कोशिकाओं में इसे फिर से उत्पन्न करने की वृद्धि हो जाती है। बिना पर्याप्त नींद के हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, शरीर में विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों का बहुत अधिक मात्रा में प्रहार होने लगता है।
क्या आंख झपकाते रहना ही काफी है?
नैपोलियन ने कहा था,‘आदमियों के लिए छःघंटे, औरतों के लिए सात घंटे और मूर्खों के लिए आठ घंटे सोना बेहतर होता है.’ बहुत से लोग निर्धारित करने में असक्ष्म होते हैं कि उन्हें दिन में कितनी देर सोने की जरूरत होती है। व्यक्तियों के आयु के अनुसार उस के सोने की सीमा निर्धारित होती है-
नवजात शिशु के लिए-
इन के लिए लगभग पूरे दिन में 16 घंटे सोना अच्छा है। इस की जरूरत छः महीने से लेकर तीन साल तक की आयु के बच्चों के लिए 14 घंटे हो जाती है। युवा बच्चों में सामान्यतः रात में सोना और दिन के समय थोड़ी बहुत झपकियां लेना सही होता है।
13 से 19 साल के बच्चों के लिए-
रात में कम से कम नौ घंटे सोना जरूरी है। इन के लिए सोना बहुत कठिन है क्यों कि वह जब भी सोते हैं तो उन का शरीर उन की शारीरिक वृद्धि के लिए हार्मोन छोड़ता है।
युवाओं के लिए-
अधिकतर युवाओं के लिए पर्याप्त नींद सात से आठ घंटे सही होते हैं यद्यपि व्यक्तिगत जरूरतों के लिए युवाओं को पांच से दस घंटे सोना चाहिए.
पॉवरफुल झपकी
यदि आप के पास अच्छी नींद लेना का पर्याप्त समय नहीं है, तो आप दिन के समय पॉवरफुल झपकी ले सकते हैं। इस की सीमा दिन के दौरान 30 से 40 मिनट तक हो सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि,‘कुछ लोगों के लिए पॉवरफुल झपकी लेना बहुत अच्छा होता है,कुछ के लिए यह रात की नींद नष्ट करने के बराबर होती है।’ विशेषज्ञों का येे भी मानना है कि ,पॉवरफुल झपकी लेना बीमारी को बुलावा देने के बराबर होता है। व्यक्ति का विभिन्न अंतरालों में सोते नहीं रहना चाहिए।
इस लिए कोशिश करें और उतनी ही नींद ले जितनी आप की जरूरत हों। पर्याप्त नींद को रात में ही लेने की कोशिश करें। ध्यान रखें जब आप ऑफिस में हो तो अपने बॉस को देख लें वह आप के कार्यस्थान के आस पास न हो। एक संतुष्ट नींद एक संतुष्ट भोजन की तरह होती है। जो आप को संतुष्ट व खुश रख सकती है। इस लिए अपना पर्याप्त समय पलंग पर पर्याप्त नींद लेकर बिताएं।

सोनी राय
(अंतर्राष्ट्रीय संपादक/
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