प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा’ – मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का भव्य उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025’ और इसकी भव्य प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस ऐतिहासिक मौके पर उन्होंने ओडिशा के विकास में उद्योग जगत की भागीदारी और निवेश की बढ़ती संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने जनवरी 2025 में ओडिशा की अपनी दूसरी यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस 2025 के सफल आयोजन के बाद यह राज्य आज एक और महत्वपूर्ण अध्याय लिख रहा है।

ओडिशा: विकास और विरासत का प्रतीक

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ओडिशा को पूर्वी भारत के विकास इंजन के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा, “पूर्वी भारत ने सदियों से वैश्विक विकास में एक अहम भूमिका निभाई है, और ओडिशा इस योगदान का केंद्र रहा है।” उन्होंने राज्य की ऐतिहासिक महत्वता को रेखांकित करते हुए बताया कि यह दक्षिण-पूर्व एशियाई व्यापार का केंद्र हुआ करता था और आज भी बाली यात्रा जैसे त्योहार इस समृद्ध विरासत की याद दिलाते हैं।

प्रधानमंत्री ने ओडिशा की सांस्कृतिक और आर्थिक धरोहर को पुनर्जीवित करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सिंगापुर और आसियान देशों के साथ राज्य के व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के अवसरों का जिक्र करते हुए कहा कि “ओडिशा 21वीं सदी में अपनी पहचान को नए आयाम दे रहा है।”

उद्योग, नवाचार और हरित ऊर्जा की संभावनाएं

प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा के बढ़ते औद्योगिक और निवेश अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य खाद्य प्रसंस्करण, पेट्रोकेमिकल्स, हरित ऊर्जा, खनन, पर्यटन और एडुटेक जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत अब खनिज और संसाधनों के सिर्फ निर्यात पर निर्भर नहीं रह रहा, बल्कि इनके स्थानीय स्तर पर मूल्यवर्धन और उत्पादन को प्राथमिकता दे रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत सौर, पवन, जलविद्युत और हरित हाइड्रोजन जैसे हरित ऊर्जा विकल्पों को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, और ओडिशा इसमें अहम भागीदार बन सकता है। पारादीप और गोपालपुर में विकसित हो रहे औद्योगिक पार्क और निवेश क्षेत्र भी इस दृष्टि को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे का युग

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी भारत में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और कनेक्टेड इन्फ्रास्ट्रक्चर का युग है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में बंदरगाहों, रेलवे और राजमार्गों से जुड़े व्यापक नेटवर्क का विकास हो रहा है, जिससे राज्य उद्योग और निवेश के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

उन्होंने ओडिशा को ब्लू इकोनॉमी के क्षेत्र में भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना की।

ओडिशा: समृद्ध संस्कृति और पर्यटन का केंद्र

प्रधानमंत्री ने कहा, “ओडिशा भारत को समझने का एक बेहतरीन जरिया है।” उन्होंने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, 500 किलोमीटर लंबी तटरेखा, घने जंगलों और एडवेंचर टूरिज्म की अनंत संभावनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ओडिशा भारत में पर्यटन, उपचार और विवाह जैसे आयोजनों के लिए एक आदर्श गंतव्य है।

डब्ल्यूएवीईएस और कॉन्सर्ट इकोनॉमी में भारत की ताकत

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत अगले महीने विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएवीईएस) की मेजबानी करेगा, जो भारत की रचनात्मकता और सांस्कृतिक शक्ति को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेगा। उन्होंने लाइव कॉन्सर्ट की बढ़ती लोकप्रियता का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत के युवा, संगीत और सांस्कृतिक विरासत इसे वैश्विक आकर्षण बना रहे हैं।

ओडिशा: निवेशकों के लिए स्वर्णिम अवसर

प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से ओडिशा की विकास यात्रा का हिस्सा बनने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य की उभरती हुई संभावनाएं निवेशकों को अभूतपूर्व सफलता प्रदान करेंगी। उन्होंने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी के प्रयासों की सराहना की और भरोसा जताया कि यह कॉन्क्लेव ओडिशा के लिए विकास के नए द्वार खोलेगा।

उत्कर्ष ओडिशा: समृद्ध भविष्य की ओर एक कदम

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन यह कहते हुए किया, “विकसित भारत के निर्माण में ओडिशा की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। राज्य के लोग अपने संकल्प और मेहनत से इसे एक समृद्ध प्रदेश बनाएंगे।” उन्होंने विश्वास जताया कि इस मेगा इवेंट में किए गए निवेश से ओडिशा और निवेशकों दोनों के लिए उज्ज्वल भविष्य का निर्माण होगा।

पृष्ठभूमि

‘उत्कर्ष ओडिशा – मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025’ ओडिशा सरकार द्वारा आयोजित एक प्रमुख वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन है। इसका उद्देश्य राज्य को भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्र और निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में उद्योग जगत के दिग्गज, निवेशक और नीति निर्माता हिस्सा लेंगे।

‘उत्कर्ष ओडिशा’- मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ

जय जगन्नाथ!

कार्यक्रम में उपस्थित ओडिशा के गवर्नर श्री हरि बाबू, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी जी, केन्द्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी मंत्रीगण, ओडिशा सरकार के मंत्री, साँसदगण, विधायकगण, उद्योग और व्यापार जगत के प्रमुख उद्यमी साथी, देश और दुनिया के इन्वेस्टर्स, और ओडिशा के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों! 

जनवरी महीने में, यानी 2025 के प्रारंभ में ही ओडिशा का ये मेरा दूसरा दौरा है। कुछ दिन पहले ही मैं यहां प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन का हिस्सा बना था। अब आज, यहां उत्कर्ष ओडिशा कॉन्क्लेव में आपके बीच आया हूं। मुझे बताया गया है कि ये ओडिशा में अब तक की सबसे बड़ी बिजनेस समिट है। पहले के मुकाबले 5-6 गुना ज्यादा इन्वेस्टर्स इसमें पार्टिसिपेट कर रहे हैं। मैं ओडिशा के लोगों को, ओडिशा सरकार को, इस शानदार आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी का इस आयोजन में अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

मैं पूर्वी भारत को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। और ओडिशा की इसमें एक बड़ी भूमिका है। इतिहास साक्षी है, जब ग्लोबल ग्रोथ में भारत की एक बड़ी हिस्सेदारी थी, तब पूर्वी भारत का अहम योगदान था। पूर्वी भारत में देश के बड़े इंडस्ट्रियल हब थे, पोर्ट्स थे, ट्रेड हब थे, ओडिशा की इसमें बड़ी हिस्सेदारी भी थी। ओडिशा, साउथ ईस्ट एशिया में होने वाले ट्रेड का प्रमुख सेंटर हुआ करता था। यहां  के प्राचीन पोर्ट्स, एक प्रकार से भारत के गेट्वे हुआ करते थे। आज भी ओडिशा में हर वर्ष बाली जात्रा मनाई जाती है। अभी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जी आए थे, और वो तो यहां तक बोल गए कि शायद मेरे डीएनए में ओडिशा है।

साथियों,

ये ओडिशा उस लीगेसी को सेलिब्रेट करती है, जो ओडिशा को साउथ ईस्ट एशिया से जोड़ती है। अब 21वीं सदी में ओडिशा, अपनी उस गौरवशाली विरासत को फिर से रिवाइव करने में जुट गया है। हाल में ही, सिंगापुर के प्रेसिडेंट ओडिशा होकर गए हैं। सिंगापुर, ओडिशा के साथ संबंधों को लेकर बहुत ही उत्साहित है। आसियान देशों ने भी ओडिशा के साथ ट्रेड और ट्रेडिशन के कनेक्ट को मजबूती देने में दिलचस्पी दिखाई है। आज इस क्षेत्र में संभावनाओं के इतने द्वार खुल रहे हैं, जितने आजादी के बाद पहले कभी नहीं खुले। मैं यहां उपस्थित हर इन्वेस्टर्स का आह्वान करूंगा, और हमारे मुख्यमंत्री जी ने जो बात कही, मैं उसको दोहराना चाहूंगा- यही समय है, सही समय है। ओडिशा की इस विकास यात्रा में आपका निवेश, आपको सफलता की नई बुलंदियों पर पहुंचाएगा, और ये मोदी की गारंटी है।  

साथियों,

आज भारत विकास के ऐसे पथ पर चल रहा है, जिसको करोड़ों लोगों की aspirations ड्राइव कर रही हैं। AI, AI का युग है, Artificial intelligence ही, इसकी चर्चा है, लेकिन भारत के लिए तो AI सिर्फ नहीं, Aspiration of India हमारी ताकत है। और Aspirations तब बढ़ती हैं, जब लोगों की needs पूरी होती हैं। बीते दशक में करोड़ों देशवासियों को Empower करने का लाभ आज देश को दिख रहा है। ओडिशा भी इसी एस्पिरेशन को रिप्रज़ेंट करता है। ओडिशा, Outstanding है। ओडिशा, नए भारत के Optimism और Originality का प्रतीक है। ओडिशा में Opportunities भी हैं, और यहां के लोगों ने हमेशा Outperform करने का जुनून दिखाया है। मैंने गुजरात में ओडिशा से आने वाले साथियों के कौशल, उनकी मेहनत, उनकी ईमानदारी को खुद अनुभव किया है। इसलिए आज जब ओडिशा में नए अवसर बन रहे हैं, तो मेरा पक्का विश्वास है, ओडिशा बहुत जल्द विकास की उस ऊंचाई पर पहुंचेगा, जहां पहुंचने की किसी ने कल्पना तक नहीं की है। मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी जी की पूरी टीम, ओडिशा के विकास को तेज गति देने में जुटी है। फूड प्रोसेसिंग, पेट्रोकेमिकल, पोर्ट लेड डेवलपमेंट, फिशरीज़, आईटी, एडुटेक, टेक्सटाइल, टूरिज्म, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी ऐसी हर इंडस्ट्री में ओडिशा, भारत के लीडिंग राज्यों में से एक बन रहा है।

साथियों,

भारत आज बहुत तेज़ गति से दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का पड़ाव भी अब ज्यादा दूर नहीं है। बीते दशक में मैन्युफेक्चरिंग में भी भारत की ताकत सामने आने लगी है। अब भारत की इकोनॉमी के विस्तार के दो बड़े पिलर हैं, एक- हमारा इनोवेटिव सर्विस सेक्टर और दूसरा- भारत के क्वालिटी प्रोडक्ट्स। देश की तेज प्रगति सिर्फ रॉ मैटेरियल के एक्सपोर्ट पर संभव नहीं है। इसलिए हम पूरे इकोसिस्टम को बदल रहे हैं, नए विजन के साथ काम कर रहे हैं। यहां से मिनरल निकले और फिर एक्सपोर्ट होकर के दुनिया के किसी देश में पहुंचे, वहां पर वैल्यू एडिशन हो, कोई नया प्रोडक्ट बने, और फिर वो प्रोडक्ट भारत में वापस आए, ये ट्रेंड मोदी को मंजूर नहीं है। इस ट्रेंड को अब भारत बदल रहा है। यहां के समंदर से सी-फूड निकले और फिर दुनिया के किसी दूसरे देश में वो प्रोसेस होकर बाज़ारों में पहुंचे, ये ट्रेंड भी भारत बदल रहा है। ओडिशा में जो रिसोर्सेज़ हैं, उससे जुड़ी इंडस्ट्रीज भी यहीं लगे, इस दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है। आज का ये उत्कर्ष ओडिशा कॉन्क्लेव भी इसी विजन को साकार करने का एक माध्यम है।  

साथियों,

आज दुनिया सस्टेनेबल लाइफस्टाइल की बात कर रही है, ग्रीन फ्यूचर की तरफ बढ़ रही है। आज ग्रीन जॉब्स की संभावनाएं भी बहुत बढ़ रही हैं। हमें समय की जरूरतों और डिमांड के हिसाब से खुद को बदलना है, उसके हिसाब से ढालना है। इसी सोच के साथ ही भारत, ग्रीन फ्युचर पर, ग्रीन टेक पर इतना फोकस कर रहा है। सोलर हो, विंड हो, हाइड्रो हो, ग्रीन हाइड्रोजन हो, ये विकसित भारत की एनर्जी सिक्योरिटी को पावर करने वाले हैं। इसके लिए ओडिशा में बहुत सारी संभावनाएं हैं। आज देश में हमने राष्ट्रीय स्तर पर ग्रीन हाईड्रोजन मिशन और सोलर पावर मिशन शुरु किए हैं। ओडिशा में भी रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी इंडस्ट्री को प्रमोट करने के लिए बड़े Policy Decisions हो रहे हैं, हाइड्रोजन एनर्जी के प्रोडक्शन के लिए भी यहां काफी सारे कदम उठाए जा रहे हैं।

साथियों,

ग्रीन एनर्जी के साथ-साथ ओडिशा में पेट्रो और पेट्रोकेमिकल सेक्टर के विस्तार के लिए भी initiative लिए जा रहे हैं। पारादीप और गोपालपुर में, dedicated industrial parks और investment regions बन रहे हैं। इस सेक्टर में भी इन्वेस्टमेंट के लिए बहुत अधिक संभावनाएं हैं। मैं ओडिशा सरकार को बधाई दूंगा कि ओडिशा के अलग-अलग रीजन की संभावनाओं को देखते हुए, वो तेजी से निर्णय ले रही है, नया इकोसिस्टम विकसित कर रही है।

साथियों,

21वीं सदी के भारत के लिए ये दौर, कनेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर का है, मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी का है। जिस स्केल पर, जिस स्पीड से भारत में आज स्पेशलाइज़्ड इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, वो भारत को इन्वेस्टमेंट का शानदार डेस्टिनेशन बना रहा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स से ईस्ट और वेस्ट की कोस्टलाइन को कनेक्ट किया जा रहा है। देश का एक बड़ा हिस्सा जो land-locked था, उसको भी अब समंदर तक तेज़ एक्सेस मिलने लगी है। आज देश में दर्जनों ऐसे इंडस्ट्रियल शहरों का निर्माण किया जा रहा है, जो प्लग एंड प्ले सुविधाओं से लैस होंगे। ओडिशा में भी ऐसी ही संभावनाओं को बढ़ाया जा रहा है। यहां रेलवे और हाईवे नेटवर्क से जुड़े हज़ारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। ओडिशा में इंडस्ट्री की Logistics Cost कम हो, इसके लिए सरकार यहां के पोर्ट्स को Industrial Clusters से जोड़ रही है। यहां पुराने पोर्ट्स का विस्तार के साथ ही नए पोर्ट्स भी बनाए जा रहे हैं। यानि ओडिशा, ब्लू इकोनॉमी के मामले में भी देश के टॉप के राज्यों में शामिल होने वाला है।

साथियों,

सरकार के इन प्रयासों के बीच, मेरा आप सभी से कुछ आग्रह भी है। आप तेज़ी से बदलती दुनिया में ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़ी चुनौतियों को देख रहे हैं। भारत, बिखरी हुई सप्लाई चेन और इंपोर्ट आधारित सप्लाई चेन पर ज्यादा भरोसा नहीं कर सकता। हमें भारत में ही एक ऐसी सशक्त सप्लाई और वैल्यू चेन बनानी है, जिस पर वैश्विक उतार-चढ़ाव का कम से कम असर पड़े। ये सरकार के साथ-साथ इंडस्ट्री का भी बहुत बड़ा दायित्व है। इसलिए आप जिस भी इंडस्ट्री में हैं, उससे जुड़े MSMEs को सपोर्ट करें, उनकी हैंड-होल्डिंग करें। आप ज्यादा से ज्यादा युवा स्टार्ट अप्स को भी सपोर्ट करें।

साथियों,

आज कोई भी इंडस्ट्री नई टेक्नोलॉजी के बिना ग्रो नहीं कर सकती। ऐसे में रिसर्च और इनोवेशन बहुत ज़रूरी है। सरकार, देश में रिसर्च से जुड़ा एक बहुत वाइब्रेंट इकोसिस्टम बना रही है। इसके लिए एक स्पेशल फंड भी बनाया गया है। इंटर्नशिप और स्किल डेवलपमेंट के लिए एक स्पेशल पैकेज घोषित किया गया है। इसमें भी इंडस्ट्री खुलकर आगे आए, सरकार के साथ मिलकर काम करे, ये सभी की अपेक्षा है। जितना बड़ा और बेहतरीन भारत का रिसर्च इकोसिस्टम होगा, स्किल्ड यंग पूल होगा, हमारी इंडस्ट्री को इससे सीधा फायदा होगा। मैं इंडस्ट्री के सभी साथियों, ओडिशा सरकार से कहूंगा कि आप सभी मिलकर, यहां एक आधुनिक इकोसिस्टम का निर्माण करें। एक ऐसा इकोसिस्टम, जो ओडिशा की Aspirations के साथ चले, यहां के नौजवानों को नए मौके दे। इससे ओडिशा के नौजवानों को यहां पर ही जॉब्स के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेंगे, ओडिशा समृद्ध होगा, ओडिशा सशक्त होगा, ओडिशा का उत्कर्ष होगा।

साथियों,

आप सभी दुनियाभर में जाते हैं, दुनियाभर के लोगों से मिलते हैं। आज दुनिया में भारत को जानने, समझने की उत्सुकता, आप चारों तरफ अनुभव करते हैं। भारत को समझने के लिए ओडिशा एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। यहां हज़ारों वर्षों की हमारी हैरिटेज है, हिस्ट्री है, आस्था-आध्यात्म, घने जंगल, पहाड़, समंदर, हर चीज़ के दर्शन एक ही जगह पर होते हैं। ये राज्य विकास और विरासत का अद्भुत मॉडल है। इसी भाव के साथ ही, हमने G-20 के कल्चर से जुड़े इवेंट ओडिशा में रखे थे। कोणार्क सन टेंपल के चक्र को हमने G-20 के मेन इवेंट का हिस्सा बनाया था। उत्कर्ष ओडिशा में हमें ओडिशा के इस टूरिज्म पोटेंशियल को भी एक्सप्लोर करना है। यहां की 500 किलोमीटर से लंबी कोस्ट लाइन, 33 परसेंट से ज्यादा का फोरेस्ट कवर, इको टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म की अनंत संभावनाएं, आपका इंतजार कर रही हैं। आज भारत का फोकस है- Wed in India, आज भारत का मंत्र है- Heal in India, और इसके लिए ओडिशा का नेचर, यहां की प्राकृतिक सुंदरता, बहुत मददगार है।

साथियों, 

आज भारत में Conference tourism का भी बहुत पोटेंशियल बन रहा है। दिल्ली में भारत मंडपम और यशोभूमि जैसे वेन्यू इसके बड़े सेंटर बन रहे हैं। भुवनेश्वर में भी बहुत बढ़िया कन्वेंशन सेंटर का लाभ मिल सकता है। इसी से जुड़ा एक और नया सेक्टर, concert economy का है। जिस देश में music-dance, स्टोरी टेलिंग की इतनी समृद्ध विरासत है, जहां युवाओं का इतना बड़ा पूल है, जो concerts का बहुत बड़ा कंज्यूमर है, वहां concert economy के लिए अनेक संभावनाएं हैं। आप देख रहे हैं कि बीते 10 सालों में live events का चलन और डिमांड दोनों बढ़े हैं। पिछले कुछ दिनों में आपने मुंबई और अहमदाबाद में हुए ‘कोल्डप्ले कॉन्सर्ट’ की शानदार तस्वीरें देखी होंगी। ये इस बात का प्रमाण है कि live concerts के लिए भारत में कितना स्कोप है। दुनिया के बड़े-बड़े कलाकार, बड़े-बड़े आर्टिस्ट भी, भारत की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। Concert economy से टूरिज्म भी बढ़ता है और बड़ी संख्या में जॉब्स क्रिएट होती हैं। मेरा राज्यों से, प्राइवेट सेक्टर से आग्रह है कि concert economy के लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करें, ज़रूरी स्किल्स पर फोकस करें। इवेंट मैनेजमेंट हो, आर्टिस्ट्स की ग्रूमिंग हो, सिक्योरिटी और दूसरे इंतजाम हों, इन सभी में नई संभावनाएं बन रही हैं।

साथियों,

अगले महीने ही भारत में पहली बार world audio visual summit यानि WAVES होने वाली है। ये भी एक बहुत बड़ा आयोजन होगा, ये भारत की creative power को दुनिया में नई पहचान दिलाएगा। राज्यों में इस तरह के इवेंट्स से भी जो रेवेन्यू जनरेट होता है, जो परसेप्शन बनता है, वो भी इकोनॉमी को आगे बढ़ाता है। और ओडिशा में भी इसकी बहुत संभावनाएं हैं।

साथियों,

विकसित भारत के निर्माण में ओडिशा की बड़ी भूमिका है। ओडिशा वासियों ने, समृद्ध ओडिशा के निर्माण का संकल्प लिया है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहयोग मिल रहा है। ओडिशा के प्रति मेरा स्नेह आप सब भली-भांति जानते हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर ही मैं यहां करीब-करीब 30 बार आ चुका हूं। आजादी से अब तक जितने प्रधानमंत्री होंगे, वो सब मिलाकर के जितने बार आए होंगे, उससे मैं ज्यादा बार ओडिशा आया हूं, ये आपका प्यार है। यहां के ज्यादातर जिलों में जा चुका हूं, मुझे ओडिशा के सामर्थ्य पर भरोसा है, यहां के लोगों पर भरोसा है। मुझे विश्वास है कि आप सभी साथियों का इन्वेस्टमेंट, आपके बिजनेस और ओडिशा के उत्कर्ष, दोनों को नई ऊंचाई देगा। मैं फिर एक बार इस शानदार आयोजन के लिए पूरे ओडिशा वासियों को, यहां की सरकार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, धन्यवाद देता हूं। और जो महानुभाव ओडिशा में संभावनाओं को तलाश रहे हैं, मैं उनको विश्वास दिलाता हूं, ओडिशा सरकार और भारत सरकार पूरी ताकत से आपके साथ खड़ी है। फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत धन्यवाद!

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