6000 से अधिक वंचित बच्चों और युवाओं को डिजिटल हुनर सिखाएँगे एसुस और विद्या संस्था
- प्रोग्राम से सीधे तौर पर 6,130 बच्चों और युवाओं को मिलेगा लाभ
- पहल से 2,000 से भी अधिक समुदाय के लोगों को मिलेगा अप्रत्यक्ष रूप से लाभ, मजबूत भविष्य के लिए किया जाएगा तैयार
- साझेदारी के तहत कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों को सिखाए जाएँगे डिजिटल हुनर और कौशल
मुंबई : अब देश के वंचित बच्चों और युवाओं के भविष्य को डिजिटल हुनर से सँवारने की तरफ एक और कदम बढ़ा चुका है। विद्या संस्था के साथ मिलकर एसुस ने पश्चिम भारत के कुछ पिछड़े इलाकों में डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को जरूरी डिजिटल जानकारी और कौशल प्रदान करना है। इस प्रोग्राम के तहत कक्षा 1 से 10 तक के 6000 से भी अधिक बच्चों और युवाओं को इंटरएक्टिव और प्रोजेक्ट-आधारित तरीके से पढ़ाया जाएगा। यूनाइटेड नेशंस के डिजिटल लिटरेसी फ्रेमवर्क पर आधारित इस कोर्स की रूपरेखा बच्चों की उम्र के हिसाब से तय की गई है। शुरुआत मुंबई से होगी, इसके बाद गोवा और गुजरात में यह कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

भारत में अपनी शुरुआत के बाद से ही एसुस का संकल्प देश में नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना रहा है। अब इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए, एसुस इंडिया ने विद्या संस्था के साथ मिलकर डिजिटल अंतर को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

इस साझेदारी के माध्यम से एसुस इंडिया और विद्या संस्था सीधे तौर पर 5,480 बच्चों और 650 युवाओं तक पहुँचेंगे, जिनमें से ज्यादातर बच्चे पहली बार पढ़ने वाले हैं और वे कम आय वाले परिवारों से आते हैं। चयनित स्कूलों में डिजिटल लैब्स की स्थापना की जाएगी, जहाँ हर हफ्ते के पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों को कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी, डिजिटल स्टोरीटेलिंग, पोस्टर डिज़ाइन, प्रोग्रामिंग (स्क्रैच और पाइथन) और डिजिटल एथिक्स जैसे विषय पढ़ाए जाएँगे। इस पूरी पढ़ाई का उद्देश्य बच्चों में कुछ नया सोचने, मिलकर काम करने और खुद से सीखने की आदत को बढ़ावा देना है।

