बिलासपुर। दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी अनाज वितरण योजना मानी जाने वाली पीडीएस पर सालाना 50 हजार करोड़ रु. खर्च होते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुकी इस योजना में मिलने वाली शिकायतें लगातार बढ़ती रही है। हालांकि इस सुधार लाने 2011 में सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर छत्तीसगढ़ और गुजरात के कंप्यूटरीकृत मॉडल को बेहतरीन करार देते हुए उसे देश भर में लागू किया। इससे भ्रष्टाचार पर कुछ अंकुश तो जरूर लगा, लेकिन भ्रष्टाचार अब भी कायम है।
न्यायधानी में भारी मात्रा में बोगस और फर्जी कार्ड
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली पीडीएस के तहत भ्रष्टाचार का बोलबाला कायम है। इस काम में विभाग के अधिकारी कर्मचारी और राशन दुकानदारों की मिलीभगत से आम जनता सहित सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है। ये शिकायत ग्रामीण अंचल के साथ-साथ शहरों में ज्यादा देखी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि शहर के अधिकांश शासकीय राशन दुकानदारों के पास सैकड़ो की संख्या में बोगस और फर्जी राशन कार्ड बने हुए हैं। न्यायधानी सहित प्रदेश के अन्य जगहों पर भी यही हाल है। और तो और इसमें बच्चों के नाम से फर्जी कार्ड और मृत व्यक्तियों के नाम, अन्यत्र चले गए लोगों के नाम के कार्ड राशन कार्ड भी दुकानदारों ने बनाकर स्वयं अपने पास रखा हुए हैं। राशन वितरण के डिजिटल प्रणाली को भी धता बताते हुए इन अवैध कार्डों का उपयोग कर शासन को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। इसकी पोल तो आंकड़े ही खोल दे रहे हैं जैसे छत्तीसगढ़ में परिवारों की संख्या भले ही कुल लगभग 66 लाख हो लेकिन राशन कार्ड लगभग 76 लाख परिवारों के नाम हैं, और हर महीने इन्हें राशन बांटा जा रहा है। जांच में जुटे एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि एक वार्ड में कुल एक हज़ार घर हैं, जबकि उस वार्ड में तीन हज़ार राशन कार्ड मौजूद हैं। जानकारों का कहना है कि सरकार इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध खुफिया तौर पर जांच करेगी तो सारा कच्चा चिट्ठा खुलकर सामने आ जाएगा।
एपीएल कार्ड को कूट रचना से बीपीएल बनाया गया
पिछले दिनों न्यायधानी में मुफ्त में मिलने वाली सरकारी चावल हड़पने के लिए खाद्य विभाग में कूटरचना कर एपीएल को बीपीएल राशन कार्ड बनाने का मामला सामने आया। इस तरह से फर्जीवाड़ा कर बड़ी संख्या में कार्ड बनाए गए। खास बात यह है कि जिनका कार्ड बनाया गया, उन उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी तक नहीं है। इस गड़बड़ी में विभाग के अफसर और कर्मचारियों की मिलीभगत होने की आशंका है। दरअसल, नगर निगम क्षेत्र के कुछ दुकानों में उचित मूल्य की दुकान में चावल में गड़बड़ी पाई गई, तब इसका खुलासा हुआ। बताया जा रहा है कि जिस दुकान में चावल में हेराफेरी की गई है, उसी दुकान में फूड विभाग के अफसरों ने दूसरी दुकानों को भी संलग्न कर दिया, ताकि फर्जी राशन कार्ड से चावल उठाव किया जा सके। इसी तरह का खेल अन्य दुकानों में भी चल रहा है। खाद्य विभाग में एपीएल राशन कार्ड को बीपीएल राशन कार्ड बनाने का मामला तब सामने आया, जब वास्तविक कार्डधारियों को इसकी जानकारी हुई। पहले उन्हें पता ही नहीं था कि उनके नाम पर बीपीएल कार्ड बन गया है। इस तरह से एक नहीं। बल्कि कई राशनकार्ड है, जिसे एपीएल से बदल कर बीपीएल राशन कार्ड बना दिया गया है। विभाग के जानकारों का कहना है कि एपीएल से बीपीएल राशन कार्ड बनाना फूड डिपार्ट से ही संभव है। साल 2022 में एपीएल कार्ड को बीपीएल राशन कार्ड बनाने की बात कही जा रही है। अब मामला सामने आने पर विभाग के अफसर इसकी जांच कराने की बात कह रहे हैं। इस गड़बड़ी के लिए फूड डिपार्ट के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत बताई जा रही है।
छत्तीसगढ़ में लगभग 76 लाख से अधिक राशन कार्ड धारी
वर्तमान में प्रदेश में लगभग 76 लाख से अधिक राशन कार्ड धारी हो चुके हैं इसके पूर्व प्रदेश में कुल लगभग 73 लाख 83 हजार 426 राशनकार्डधारी का आंकड़े बताए गए। सबसे अधिक राशन कार्ड धारी रायपुर जिले में पांच लाख लगभग 60 हजार 272 राशन कार्ड है जबकि इसके बाद दूसरे नंबर पर बिलासपुर जिला है।
बिलासपुर में करीब लगभग 5 लाख राशन कार्ड धारी
यहां चार लाख 98 हजार 254 राशन कार्ड है। वहीं शहर में, एपीएल (सामान्य परिवार) कार्ड 71489 हैं तो वहीं शहर में, एपीएल (सामान्य परिवार) कार्ड की संख्या 71489 है. पर बुजुर्गों को राशन देने की चिंता करने के मामले में बिलासपुर 4288 नॉमिनी के साथ राज्य में चौथे नंबर पर है। यानी नॉमिनी बनाने में वह राज्य में चौथे पायदान पर है। पहले नंबर पर रायगढ़ जिला है जहां लगभग 4782 राशन कार्ड में नॉमिनी बनाए गए हैं। दूसरे नंबर पर जांजगीर-चांपा जिला है। वहां लगभग 4407 नॉमिनी बने हैं। लगभग 4290 नॉमिनी के साथ रायपुर जिला तीसरे नंबर पर है।

पीडीएस प्रणाली में कई स्तरों पर भ्रष्टाचार
राशन दुकानदार: राशन दुकानदार राशन की चोरी कर सकते हैं, बोगस राशन कार्ड बना सकते हैं, और गरीबों से अधिक पैसे ले सकते हैं। वैसे भी यह जगजाहिर है कि राशन दुकानदार राशन की हेराफेरी करते हैं। आए दिन समाचारों में ऐसी खबरें आती भी रहती है।
सुपरवाइजर और इंस्पेक्टर: सुपरवाइजर और इंस्पेक्टर राशन दुकानदारों की गतिविधियों की जांच करने के लिए जिम्मेदार होते हैं, लेकिन वे भी भ्रष्टाचार में शामिल हो सकते हैं।
शासकीय अधिकारी कर्मचारी: जिला प्रशासन राशन की आपूर्ति और वितरण के लिए जिम्मेदार होता है, लेकिन उच्च पदों में बैठे अधिकारी व कर्मचारी भी भ्रष्टाचार में शामिल हो सकते हैं।
राजनैतिक संरक्षण: कथित नेताओं द्वारा पीडीएस प्रणाली के लिए नीतियां और दिशानिर्देश बनाने में भागीदारी निभाई जाती है, लेकिन उनके भी भ्रष्टाचार में शामिल होने की संभावना होती हैं।
ट्रांसपोर्टर और व्यापारी: ट्रांसपोर्टर और व्यापारी राशन की आपूर्ति और वितरण में शामिल होते हैं, लेकिन वे भी भ्रष्टाचार में शामिल हो सकते हैं।
इन पर नकेल कसने के लिए निम्नलिखित उपाय करना उचित होगा:
पारदर्शिता और निगरानी
आधार-आधारित प्रणाली: आधार-आधारित प्रणाली का उपयोग करके राशन कार्डों की जांच की जा सकती है और बोगस राशन कार्डों को रोका जा सकता है।
पॉइंट-ऑफ़-सेल (पीओएस) सिस्टम : पीओएस सिस्टम का उपयोग करके राशन दुकानदारों की गतिविधियों की जांच की जा सकती है और राशन की चोरी को रोका जा सकता है।
निगरानी कमेटी : निगरानी कमेटी का गठन करके राशन दुकानदारों की गतिविधियों की जांच की जा सकती है और भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
सख्त कानून और दंड
सख्त कानून: सख्त कानून बनाकर राशन दुकानदारों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
दंड: दंड का प्रावधान करके राशन दुकानदारों को भ्रष्टाचार करने से रोका जा सकता है।
जन जागरूकता और भागीदारी
जन जागरूकता अभियान: जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को पीडीएस प्रणाली के बारे में जागरूक किया जा सकता है और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
भागीदारी: भागीदारी के माध्यम से लोगों को पीडीएस प्रणाली में शामिल किया जा सकता है और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
राशन कार्ड संबंधी समस्याओं के लिए टोल फ्री नंबर
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आम जनता की सहूलियत के लिए 24 घंटे टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। इस नंबर से आप अपने राशन कार्ड संबंधी किसी भी समस्या या जानकारी के लिए फोन कर सकते हैं और उचित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं राशन कार्ड से संबंधित किसी भी पूछताछ या शिकायत के लिए, आप छत्तीसगढ़ में *1800-233-3663* नंबर पर कॉल करें। यह टोल-फ्री नंबर है। अगर आपका राशन कार्ड नहीं बना है, या आप किसी अन्य समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आप इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
