कविता लेखन की बारीकियों से परिचित हुए रचनाकार

-कविता लेखन कार्यशाला में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने की सहभागिता-

बांदा: बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में कार्यरत रचनाकार शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए आनलाइन कविता लेखन कार्यशाला का आयोजन गत दिवस सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षक के रूप में शिक्षक एवं साहित्यकार प्रमोद दीक्षित मलय ने उपस्थित शिक्षक-शिक्षिकाओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि कविता पाठक के हृदय में रस उत्पन्न कर आनंद प्रदान करती है। कविता अनुभवों की अभिव्यक्ति है। अवलोकन, पठन, श्रवण से विचार बनते हैं जो कल्पना का आश्रय ले रचना के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। यह अभिव्यक्ति साहित्य की विधाओं यथा कविता, कहानी, उपन्यास, एकांकी, नाटक, आत्मकथा, जीवनी‌, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, भाषण, पत्र, समालोचना, चित्रकथा, डायरी, लेख, साक्षात्कार आदि में सम्भव है। कविता छंदमुक्त और छंदबद्ध होती है। छंदबद्ध कविता वर्णिक एवं मात्रिक छंदों पर आधारित होती है। छंदोबद्ध कविता रचना में वर्ण, मात्रा, तुकांत, गति, यति, रस, अलंकार, गुण, लय, चरण एवं गणों का यथावश्यक सम्यक् प्रयोग किया जाता है।

उक्त जानकारी देते हुए कार्यशाला के संयोजक शिक्षक दुर्गेश्वर राय ने बताया कि बेसिक शिक्षा में कार्यरत रचनाकार शिक्षक-शिक्षिकाओं को कविता लेखन की बारीकियां सिखाने की दृष्टि से 29 मई को सायंकाल लगभग तीन घंटे की आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बेसिक शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने सहभागिता की। प्रशिक्षक प्रमोद दीक्षित मलय (बांदा) ने कविताओं के उदाहरण देते हुए कविता रचना के अनेक बिंदुओं पर बातचीत की। महाकाव्य, खण्डकाव्य, मुक्तक काव्य, कविता में मात्रा भार गणना के साथ ही आठ गणों, शब्दों के लिखित एवं वाचिक मात्राभार आदि पर विस्तृत संवाद किया। सहभागियों के प्रश्नों के उत्तर दे संतुष्ट किया। पचास से अधिक शब्दों का मात्राभार का अंकन करके बताया गया। अगली कार्यशाला जून में आयोजित की जाएगी।

कविता लेखन कार्यशाला में वैशाली मिश्रा, प्रज्ञा राघव, विजय शंकर यादव, मीरा कुमारी, वत्सला मिश्रा, आभा त्रिपाठी, कमलेश कुमार कुशवाहा, फरहत माबूद, संजय वस्त्रकार, पवन कुमार तिवारी, गुंजन भदौरिया, धर्मानंद गोजे, अनुराधा दोहरे, कुसुम मिश्रा, गुंजन पोरवाल, आरती साहू, सुनीता वर्मा, अनामिका ठाकुर, अनुपमा शर्मा, अभिलाषा गुप्ता, संतोष कुशवाहा, नीलम रानी सक्सैना, मंजू वर्मा, अनीता यादव, नमिता वैश्य, प्रतीक गुप्ता, रीना ताम्रकार, ऋतु श्रीवास्तव, सरस्वती, रुचि गर्ग, समीक्षा गायकवाड़, रिम्पू सिंह, शालिनी श्रीवास्तव, सविता देवी, डॉ. ऋतु श्रीवास्तव, सुमन कुशवाहा, डॉ. त्रिलोकचंद, शानू खन्ना, दीप्ति राय, चंद्रशेखर मित्र तथा दुर्गेश्वर राय आदि रचनाकार उपस्थित रहे। सभी ने नया सीख पाने की खुशी व्यक्त की।

प्रमोद दीक्षित मलय शिक्षक, बाँदा (उ.प्र.)
प्रमोद दीक्षित मलय शिक्षक, बाँदा (उ.प्र.)
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One thought on “कविता लेखन की बारीकियों से परिचित हुए रचनाकार

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हुई, कविता की रचना के संबंध मे

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