मैं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए ब्राज़िल की संसद, सरकार और लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई; सार्थक संवाद हुआ; विचारों का आदान-प्रदान हुआ; और ब्रिक्स देशों के बीच संसदीय सहयोग को मजबूत करने, एआई तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने और आर्थिक मामलों पर मिलकर काम करने की साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की गई । संकल्प स्वीकार किए जाने के साथ शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ।
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इस संकल्प में, ब्रिक्स देशों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि हमें सामूहिक रूप से आतंकवाद का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने 22 अप्रैल को भारत में पहलगाम, कश्मीर में हुई आतंकवादी घटना की निंदा की और संयुक्त प्रयासों से आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। भारत के माननीय प्रधान मंत्री ने भी दुनिया के सभी देशों से आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आह्वान किया है।
इस बात पर भी चर्चा हुई कि हमें भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का किस दिशा में और किस प्रकार उपयोग करना चाहिए। इस बात पर सहमति हुई कि एआई (AI) का उपयोग किया जाना चाहिए और यह आवश्यक है। लेकिन इसके उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही भी होनी चाहिए। इसके अलावा, आर्थिक समावेशन और ब्रिक्स देश किस प्रकार व्यापार को बढ़ा सकते हैं तथा आपस में आर्थिक सहयोग को बेहतर बना सकते हैं, इन मुद्दों पर भी चर्चा हुई । भारत ने हमेशा विधि के शासन, वैश्विक सहयोग तथा विश्व मंच पर संवाद की आवश्यकता का समर्थन किया है।
भारत अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। अन्य ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर हम आर्थिक, सामाजिक, व्यापार, एआई तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारत में शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडा निर्धारित किया जाएगा तथा भारत इस सम्मेलन की मेजबानी को सफलतापूर्वक और सार्थक ढंग से करेगा।
मैं सभी ब्रिक्स देशों को धन्यवाद देता हूँ तथा विश्वास व्यक्त करता हूँ कि संयुक्त प्रयासों; संसदीय आदान-प्रदान; विचारों, सर्वोत्तम प्रथाओं तथा अनुभवों के आदान-प्रदान के माध्यम से हम अपने नागरिकों के साथ जुड़कर उनके जीवन में सार्थक परिवर्तन ला सकते हैं।
मैं सभी ब्रिक्स देशों की संसदों के स्पीकर्स तथा प्रेसीडेंट्स को अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ।