केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित किसानों को राहत देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 21वीं किस्त अग्रिम जारी की। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि भवन, नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस राशि को किसानों के खातों में ट्रांसफर किया।

इस सादे लेकिन महत्वपूर्ण समारोह में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक डॉ. मांगी लाल जाट सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। वहीं जम्मू-कश्मीर के कृषि मंत्री श्री जावेद अहमद डार, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी और हजारों किसान कार्यक्रम से वर्चुअल रूप से जुड़े।
आज की इस अग्रिम किस्त के तहत लगभग 8.55 लाख किसानों के बैंक खातों में सीधे 171 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए, जिनमें 85,418 महिला किसान भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक जम्मू-कश्मीर के किसानों को कुल 4,052 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है, जो इस क्षेत्र के कृषि समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन है।
प्रभावित किसानों के साथ केंद्र सरकार खड़ी है: शिवराज सिंह चौहान
इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, जम्मू-कश्मीर के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा,
“बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के साथ सरकार हर संभव सहायता के लिए तत्पर है। पीएम-किसान योजना की यह अग्रिम किस्त किसानों को राहत पहुंचाने और उन्हें संकट से उबरने में मदद करेगी। हम किसी भी किसान को इस कठिन समय में अकेला नहीं छोड़ेंगे। केंद्र सरकार अपनी योजनाओं और सहायता कार्यक्रमों के माध्यम से निरंतर सहयोग करती रहेगी।”

श्री चौहान ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले समय में प्रभावित किसानों और निवासियों को सहायता पहुंचाने के लिए और भी कई प्रावधानों पर काम किया जा रहा है।
क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए विशेष सहायता
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर सरकार से लगभग 5100 घरों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई है। इन घरों के पुनर्निर्माण के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत 85.62 करोड़ रुपये के विशेष प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
इस प्रस्ताव में मूल सहायता राशि के साथ-साथ शौचालय निर्माण के लिए भी राशि शामिल है और मनरेगा (MGNREGA) के माध्यम से भी अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी, ताकि प्रभावित परिवार अपना घर फिर से बना सकें।
श्री चौहान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार से प्रस्ताव प्राप्त होने पर ग्रामीण विकास मंत्रालय मनरेगा के तहत 100 दिनों के बजाय 150 दिनों की मजदूरी प्रदान करेगा, जिससे प्रभावित परिवारों को अतिरिक्त आजीविका सहायता मिलेगी और वे अपनी आजीविका को फिर से स्थापित कर सकेंगे।
खेती-बाड़ी फिर शुरू करने के लिए पूर्ण सहयोग
केंद्रीय कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार खेती-बाड़ी को फिर से शुरू करने के लिए किसानों को बीज, खाद और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि “जिसका खेत – उसकी रेत” की नीति के तहत राज्य सरकार ने रेत बेचने की अनुमति दे दी है, जिससे किसानों को निर्माण कार्यों में भी सुविधा होगी।
इसके साथ ही, राज्य से प्रस्ताव प्राप्त होने पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के तहत भी आवश्यक राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत भी यदि राज्य सरकार प्रस्ताव भेजती है, तो प्रभावित किसानों को बीमा राशि सीधे उनके खातों में दी जाएगी।
केंद्र की सहायता के लिए जताया आभार
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के कृषि मंत्री श्री जावेद अहमद डार ने भी अपने विचार रखे और केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सहायता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने विशेष रूप से केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने हाल ही में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को करीब से समझा और त्वरित राहत के लिए कदम उठाए।
राहत और पुनर्वास की दिशा में मजबूत कदम
केंद्र सरकार द्वारा की गई यह पहल जम्मू-कश्मीर के किसानों के लिए न केवल वित्तीय सहायता का स्रोत है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि संकट की घड़ी में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों के साथ खड़ी हैं। आपदा के कारण क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण, अतिरिक्त रोजगार सृजन, खेती की पुनर्स्थापना और बीमा सहायता जैसे उपाय इस बात का संकेत हैं कि सरकार प्रभावित किसानों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस राहत पैकेज के माध्यम से केंद्र सरकार ने यह साबित किया है कि वह न केवल तत्काल राहत देने में सक्षम है, बल्कि दीर्घकालिक पुनर्वास और आजीविका पुनर्स्थापन की दिशा में भी ठोस कदम उठा रही है।