सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2025 तक देशभर में व्यापक स्तर पर चलाए गए ‘स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) 2025 अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दो सप्ताह के अभियान के दौरान मंत्रालय और उसकी विभिन्न मीडिया इकाइयों ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने और जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देशभर में 2,766 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में कुल 59,122 से अधिक लोगों ने सक्रिय भागीदारी की।
स्वच्छता को जनआंदोलन के रूप में स्थापित करने का प्रयास
‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों (सीटीयू) की सफाई, घर-घर जागरूकता अभियान, चित्रकला प्रतियोगिताएं, स्वच्छता रैलियां, कविता पाठ, नुक्कड़ नाटक और नारा लेखन जैसी विविध गतिविधियां आयोजित कीं। मंत्रालय द्वारा साफ किए गए कुल स्थानों की संख्या 1,588 रही, जबकि 824 सीटीयू को स्वच्छता लक्ष्य इकाई के रूप में परिवर्तित किया गया। इसके अतिरिक्त ‘क्लीन ग्रीन उत्सव’ और ‘सफाई मित्र सुरक्षा शिविर’ के अंतर्गत क्रमशः 198, 49 और 107 कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इन आयोजनों का उद्देश्य न केवल सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता सुनिश्चित करना था, बल्कि नागरिकों के बीच ‘स्वच्छता ही सेवा’ के भाव को सशक्त करना भी था, ताकि स्वच्छता केवल सरकारी कार्यक्रम न रहकर जनसहभागिता का राष्ट्रीय संकल्प बन सके।
विशेष पहलें: ‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ और ‘स्वच्छ भारत दिवस’
अभियान के दौरान 25 सितंबर को ‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ कार्यक्रम तथा 2 अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत दिवस’ के अवसर पर विशेष आयोजन किए गए। इन अवसरों पर मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी स्वयं झाड़ू लेकर सड़कों की सफाई में शामिल हुए तथा स्वच्छता संदेश को आम नागरिकों तक पहुंचाया।
सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री संजय जाजू ने स्वयं शास्त्री भवन, नई दिल्ली में ‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ पहल के अंतर्गत श्रमदान गतिविधि का नेतृत्व किया। उन्होंने मंत्रालय की विभिन्न मीडिया इकाइयों के अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। श्री जाजू ने इस अवसर पर कहा कि स्वच्छता केवल एक दिन का कार्य नहीं, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का सतत कर्तव्य है जो समाज के स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण से सीधे जुड़ा हुआ है।
मीडिया इकाइयों की सक्रिय भूमिका
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अधीनस्थ इकाइयों और संगठनों ने देशभर में स्वच्छता और जनजागरूकता गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित की।
- आईआईएमसी अमरावती ने स्वच्छता रैली का आयोजन किया, जिसमें विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
- डीडीके मुंबई ने दादर समुद्र तट पर एक बड़ा सफाई अभियान चलाया, जिससे स्थानीय समुदाय में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी।
- आईआईएमसी कोट्टायम ने अपने परिसर के प्रवेश द्वार पर ऑर्गेनिक फूलों से सुंदर जीवंत रंगोली बनाकर स्वच्छता, संस्कृति और स्थिरता के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
- डीपीडी अधिकारियों ने नई दिल्ली में सफाई अभियान में भाग लिया, जबकि आकाशवाणी अमेठी, आकाशवाणी इम्फाल और एनएफडीसी मुंबई ने भी इसी भावना से स्वच्छता पहलें कीं।
इसके अतिरिक्त, सीबीएफसी दिल्ली ने स्वच्छता अभियान चलाया, भारतीय प्रेस परिषद ने स्वच्छता रैली आयोजित की, आईआईएमसी दिल्ली ने घर-घर जाकर जनजागरूकता अभियान चलाया, डीडीके पटना ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए, आकाशवाणी अहमदाबाद ने स्वच्छता उत्सव मनाया, और डीडीके दिल्ली ने स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य था—स्वच्छता को समाज की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाना।
डिजिटल और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रिंट, डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का प्रभावी उपयोग करते हुए इन गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया। इससे न केवल स्वच्छता अभियान की पहुंच बढ़ी बल्कि आम नागरिकों की भागीदारी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। सोशल मीडिया पर साझा किए गए पोस्ट्स, वीडियो और रिपोर्ट्स ने स्वच्छता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया और लोगों को स्वयं योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
समापन और भविष्य की दिशा
अभियान के सफल समापन पर मंत्रालय ने सभी इकाइयों, कर्मचारियों और स्वयंसेवकों की सराहना की जिन्होंने ‘स्वच्छता ही सेवा 2025’ को सफल बनाने में योगदान दिया। सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री संजय जाजू ने कहा कि यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक चेतना, जिम्मेदारी और नागरिक सहभागिता का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मंत्रालय भविष्य में भी इस अभियान को निरंतरता प्रदान करेगा और इसे एक स्थायी सामाजिक आंदोलन के रूप में स्थापित करने की दिशा में कार्य करेगा।
‘स्वच्छता ही सेवा’ 2025 के माध्यम से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यह सिद्ध कर दिया कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति, मीडिया की भूमिका और जनसहभागिता एक साथ जुड़ती है, तो राष्ट्र के स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा सकते हैं।