भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी), गाजियाबाद और नागालैंड सरकार के चिकित्सा एवं औषधि नियामक संस्थानों के बीच औषधि सुरक्षा, गुणवत्ता नियंत्रण और रोगी संरक्षण को मजबूत करने के उद्देश्य से तीन महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते को फार्मा एवं सामग्री क्षेत्र में निगरानी से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान औपचारिक रूप से सम्पन्न किया गया, जिसमें दवा गुणवत्ता सुनिश्चित करने, चिकित्सा उपकरण सुरक्षा और फार्माकोविजिलेंस को उच्च स्तर पर क्रियान्वयन हेतु रणनीतिक सहयोग की प्रतिज्ञा व्यक्त की गई।

कार्यान्वयन का उद्देश्य और वैश्विक महत्व
इस पहल का मूल उद्देश्य नागालैंड में दवाओं के सुरक्षित उपयोग, औषधीय निगरानी प्रणाली के सुदृढ़ीकरण और प्राथमिक स्तर तक रोगी सुरक्षा को मजबूत करना है। भारतीय फार्माकोपिया संदर्भ पदार्थों और अशुद्धता मानकों के उपयोग से राज्य की लैबोरेटरी परीक्षण क्षमता बढ़ेगी, जिससे औषधियों की शुद्धता और गुणवत्ता पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकेगा। यह कदम नागालैंड जैसे उभरते स्वास्थ्य प्रशासनिक ढांचे वाले राज्य में औषधि सुरक्षा के नए मानक निर्धारित करेगा।
ऐतिहासिक एमओयू और प्रमुख हस्ताक्षरकर्ता
एमओयू पर हस्ताक्षर आईपीसी के सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक डॉ वी. कलईसेल्वन द्वारा किए गए। उनके साथ नागालैंड चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार डॉ केविलहुली मेयासे, एनएसडीसीए की सहायक औषधि नियंत्रक श्रीमती इमलीला तथा राज्य फार्मेसी परिषद के रजिस्ट्रार श्री खेले थोरी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से एएस एंड एफए श्री होवेदा अब्बास तथा नागालैंड सरकार में सचिव श्री अनूप खिंची की उपस्थिति इस पहल की गंभीरता और महत्व को रेखांकित करती है।
तीनों समझौता ज्ञापनों की विशेषताएं
- नागालैंड औषधि नियंत्रण प्रशासन के साथ एमओयू पूर्वोत्तर भारत में अपनी तरह का पहला और आईपीसी के दृष्टिकोण से दूसरा ऐसा समझौता है।
- नागालैंड चिकित्सा परिषद के साथ हुआ एमओयू किसी भी राज्य के मेडिकल काउंसिल के साथ किया गया पहला समझौता है, जिसका उद्देश्य भारतीय फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम और भारतीय मैटेरियोविजिलेंस कार्यक्रम को बढ़ावा देना है।
- नागालैंड राज्य फार्मेसी परिषद के साथ समझौता, देश की चौथी ऐसी फार्मेसी परिषद है जिसने दवा सुरक्षा, निगरानी प्रणाली और फार्माकोविजिलेंस सहयोग के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया।
व्यावहारिक लाभ और कार्यान्वयन रणनीति
इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से आईपीसी नागालैंड के चिकित्सकों, फार्मासिस्टों, वैज्ञानिकों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का संचालन करेगा। इसमें दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों और चिकित्सा उपकरणों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्टिंग को बढ़ावा देना शामिल है। लक्ष्य यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं में नेशनल फॉर्मूलरी ऑफ इंडिया (एनएफआई) को मानक संदर्भ दस्तावेज के रूप में अपनाया जाए, जिससे दवाओं का वितरण और उपयोग तर्कसंगत एवं सुरक्षित हो सके।
इसके अतिरिक्त, इस सहयोग के बाद राज्य में एडीआर निगरानी केंद्रों और चिकित्सा उपकरण निगरानी केंद्रों (MDRCs) की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा। इनके माध्यम से प्रतिकूल घटनाओं की नियमित रिपोर्टिंग और फार्माकोविजिलेंस जागरूकता का विस्तार होगा। नागालैंड राज्य औषधि निरीक्षक दल, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और निजी स्वास्थ्य संस्थान इस प्रयास में सक्रिय भागीदार होंगे।
नागालैंड में स्वास्थ्य सुरक्षा ढांचे का सुदृढ़ीकरण
एमओयू से किए गए प्रयास न केवल दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, बल्कि राज्य भर में स्वास्थ्य सेवा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सतर्क बनाएंगे। भारतीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह के वार्षिक आयोजन को भी नागालैंड में सक्रिय सहयोग से सुचारू रूप से मनाया जाएगा, जिससे दवा सुरक्षा पर सामूहिक जागरूकता विकसित होगी।