प्रदेश में दो साल से 732 एल्डरमैन नियुक्ति अटकी: नियुक्ति के लिए राजनीतिक खींचतान

बिलासपुर: प्रदेश में कांग्रेस शासनकाल में नियुक्त किए गए मनोनीत पार्षदों (एल्डरमैन) की नियुक्तियां 22 दिसंबर 2023 को निरस्त कर दी गई थीं। इसके बाद 23 माह बीत जाने के बावजूद आज तक बिलासपुर सहित किसी भी निकाय में नई नियुक्ति नहीं हो सकी है। परिणामस्वरूप प्रदेश के नगर निगमों की सामान्य सभा की बैठकों में केवल वार्डों के पार्षद ही शामिल हो रहे हैं। भाजपा के स्थानीय नेताओं में एल्डरमेन के लिए नियुक्ति कराने पर घमासान मचा हुआ है।

उपमुख्यमंत्री साव ने कहा – एल्डरमैन नियुक्ति होगी शीघ्र

नगरीय निकायों में काम द्रूतगति से हो और विकास के कार्यों में प्रगति आए, इसके लिए प्रदेश के नगरीय निकायों में एल्डरमैन की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी चल रही है। शीघ्र ही सभी नगरीय निकायों में एल्डरमैन की नियुक्ति की जाएगी। जिससे नगर विकास के कार्यों में इजाफा होगा।
– अरूण साव, उपमुख्यमंत्री छग

2023 में भाजपा सरकार ने एल्डरमैन नियुक्ति की थी निरस्त

ज्ञात हो, भाजपा की सरकार आते ही 22/12/23 को प्रदेश के नगरीय निकायों के 12 सौ से अधिक एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) की सेवाएं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय ने आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी थी।
इसके पूर्व कांग्रेस शासन काल में नगर पालिका निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में कांग्रेस पार्टी के नेताओं को एल्डरमैन नियुक्त किया गया था। ये नियुक्तियां करीब चार साल पहले हुई थी, जिन्हें बीजेपी की सरकार ने आते ही तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया।

कौन बनेगा बिलासपुर का एल्डरमैन?

बिलासपुर नगर निगम में 11 एल्डरमैन पद स्वीकृत हैं, लेकिन सरकार बदलने के बाद भी अब तक ये पद खाली पड़े हैं। निगम में भाजपा की सत्ता आए दो साल हो चुके हैं और इस दौरान सामान्य सभा की कई महत्वपूर्ण बैठकें हो चुकी हैं, परंतु हर बैठकों में एल्डरमैनों की गैरमौजूदगी महसूस की गई। राज्यसभा की तर्ज पर स्थानीय नगरीय निकायों में एल्डरमैन का होना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि ये अनुभव के आधार पर महत्वपूर्ण फैसलों में भागीदारी निभाते हैं। उनकी गैर मौजूदगी बड़े निर्णयों की विश्वसनीयता और सामूहिकता पर सवाल खड़े कर रही है।

नियमानुसार हर नगर निगम में मनोनीत पार्षदों (एल्डरमेन) की संख्या वार्ड संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक और 8 से कम की होगी। वहीं हर नगर पालिका में 5 और नगर पंचायत में 3 मनोनीत पार्षद होते हैं।

732 वार्डों में मनोनीत होंगे 125 पार्षद

नगर निगमवार्डमनोनीत पार्षद
रायपुर7011
बिलासपुर7011
भिलाई7011
कोरबा6711
दुर्ग6009
राजनांदगांव5108
बस्तर4808
सरगुजा4808
रायगढ़4808
रिसाली4008
भिलाई चरौदा4008
कोरिया4008
धमतरी4008
बीरगांव4008

बिलासपुर से एक केंद्रीय मंत्री, एक उपमुख्यमंत्री, 4 विधायक… किसके कितने एल्डरमैन?

बीजेपी शासन में अब जल्दी ही नए एल्डरमैन की नियुक्ति तय मानी जा रही है, लेकिन अंदरूनी राजनीति इसमें प्रमुख भूमिका निभा रही है।
बिलासपुर, बिल्हा, बेलतरा और तखतपुर के विधायक, पूर्व मंत्री और वर्तमान मंत्री अपने-अपने समर्थकों के नाम आगे बढ़ा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री, चार भाजपा विधायक के क्षेत्र होने के कारण अपने-अपने चहेतों को पद दिलाने जोर लगाने का काम भी शुरू हो गया है।

निगम से हर माह 15,000 रुपए मिलेगा मानदेय

नगर पालिका, निगम द्वारा विशेष ज्ञान या अनुभव रखने वाले व्यक्ति को राज्य सरकार एल्डरमैन के लिए नामित करती है।
राज्य सरकार जब तक चाहेगी, तब तक ये पद पर बने रहेंगे। इनकी भूमिका नगरीय निकाय में पार्षदों के बराबर ही रहती है, लेकिन ये सामान्य सभा में वोट नहीं दे सकते। इन्हें विकास कार्य के लिए पार्षद निधि की तरह ही राशि मिलती है।
राज्य सरकार नगर पालिका में 5 हजार, पंचायत में 4 हजार और नगर निगम में 15 हजार रुपए मासिक मानदेय भी देती है।

राजनीतिक शक्ति संतुलन का मुद्दा

स्थानीय राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि 11 में से अधिकतर पदों पर भाजपा के पुराने पार्षद, पूर्व एल्डरमैन और संगठन से जुड़े अनुभवी चेहरों की दावेदारी मजबूत है। निकायों में लगभग दो साल से लंबित यह नियुक्ति अब राजनीतिक शक्ति संतुलन का अहम मुद्दा बन गई है। इसमें सभी बड़े नेता अपने चहेतों को एल्डरमैन की जिम्मेदारी दिलाने में लगे हुए हैं।

न्यायधानी में वार्ड बढ़े तो एल्डरमैन की संख्या भी 11 हुई

जब बिलासपुर शहर की वार्डों की संख्या 55 थी, तब यहां एल्डरमैनों की संख्या केवल 6 निश्चित थी। अब 70 वार्ड होने पर नियम अनुसार 11 एल्डरमैन की नियुक्ति किए जाने का प्रावधान है।

नगर निगम बिलासपुर में पहले 6 एल्डरमैन होते थे। फिर वार्डों की संख्या 70 हुई तो अब 11 एल्डरमैन होंगे। इसके लिए नाम लेकर शासन को भेज दिया गया है। जल्द ही बिलासपुर सहित प्रदेशभर में एल्डरमैन की नियुक्ति की जाएगी।
– पूजा विधानी, महापौर, नगर निगम बिलासपुर

सुरेश सिंह बैस "शाश्वत"
सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”
आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »