कोयला मंत्रालय के सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि कोयला आयात कम करने के लिए कोयला वाशरीज क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है

कोयला मंत्रालय के संरक्षण के तहत भारतीय राष्ट्रीय समिति विश्व खनन कांग्रेस ने “कोयले की धुलाई – अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में भारत में कोयला लाभ के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और हितधारक एक मंच पर आए हैं। इस सेमिनार ने ज्ञान के आदान-प्रदान, सहयोग को बढ़ावा देने और कोयला क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक विशिष्ट मंच उपलब्ध कराया है।

IMG_3950.JPG

अपने मुख्य संबोधन में कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने कोकिंग और गैर-कोकिंग कोयले के लिए वाशरीज क्षमता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा किया कि ऐसा होने से भारत कोयला आयात पर अपनी निर्भरता को बहुत कम कर सकता है और घरेलू कोयला लाभ को बढ़ावा दे सकता है।

उन्होंने कोयला उत्पादन को कुशलतापूर्वक बढ़ावा देने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों को शामिल करने और नई खदानें खोलने पर जोर दिया। इसके अलावा, परिवहन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए अनेक रेलवे परियोजनाएं चल रही हैं और कोयला उद्योग के विकास में सहायता प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है।

कोयला मंत्रालय के अपर सचिव श्री एम नागराजू ने कोयला धुलाई में तकनीकी अनुकूलनता के महत्व पर जोर किया। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीकों और कार्यप्रणाली को अपनाकर, कोयला क्षेत्र उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का अधिकतम उत्पादन कर सकता है और इस प्रकार भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अध्यक्ष श्री पीएम प्रसाद ने अपने संबोधन में कोकिंग और गैर-कोकिंग कोयले दोनों की ही गुणवत्ता बढ़ाने में कोयला वाशरीज की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और विभिन्न क्षेत्रों के लिए गुणवत्ता वाले कोयले की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में कोयला वाशरीज के महत्व पर जोर दिया। स्वच्छ और अधिक कुशल कोयले की बढ़ती मांग को पहचानते हुए, उन्होंने आने वाले वर्षों में अतिरिक्त वाशरीज की स्थापना की कल्पना की। इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य कड़े गुणवत्ता वाले मानकों को जारी रखते हुए देश की कोयला आवश्यकताओं को पूरा करना है।

डॉ. बी वीरा रेड्डी, निदेशक (टी) सीआईएल और सीएमडी सीसीएल, कोयला मंत्रालय ने कोयले को स्वच्छ बनाने और इसकी गुणवत्ता और दक्षता में सुधार लाने के लिए सेमिनार के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने अगले वर्ष से पड़ोसी देशों को कोयला निर्यात करने के मंत्रालय के दृष्टिकोण की भी जानकारी दी। इससे इस क्षेत्र में एक प्रमुख कोयला आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की स्थिति मजबूत बनेगी।

IMG_3953.JPG

तकनीकी सत्र के दौरान, एमडीसीडब्ल्यूएल लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री एच एल सप्रू ने इस बात पर जोर दिया कि कोयले की धुलाई में विद्युत संयंत्रों के लिए कोयले की लैंडिंग लागत में प्रति किलोवाट घंटा 1 रुपये तक की बचत करने की क्षमता है। देश में वर्तमान में 113.6 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की कुल क्षमता वाली 20 वाशरीज संचालित हो रही है, जो साफ और अधिक कुशल कोयला उत्पादन के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

टाटा स्टील के कॉर्पोरेट मामलों के प्रमुख श्री मनीष मिश्रा ने घरेलू इस्पात उद्योग के लिए कोकिंग कोल पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस्‍पात बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कोकिंग कोयले के उत्पादन में कोयले की धुलाई की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हुए, भारतीय कोयले की धोने योग्य विशेषताओं के बारे में एक व्यापक अवलोकन उपलब्ध कराया।

सीआईएमएफआर धनबाद के डॉ. यू.एस. चट्टोपाध्याय ने भारत में कम वाष्पशील कोकिंग कोयले (एलवीसी) के लाभ में आ रही चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एलवीसी के महत्वपूर्ण भंडारों पर भी प्रकाश डाला, जो झरिया कोलफील्ड्स में 7953 मीट्रिक टन और पूर्वी बोकारो में 496 मीट्रिक टन हैं।

डॉ. चट्टोपाध्याय ने कोयले की गुणवत्ता में गिरावट आने और अपर्याप्त आपूर्ति से संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की। उन्होंने यह भी सिफारिश की कि भारत सरकार विद्युत संयंत्रों को एलवीसी की आपूर्ति रोकने के लिए एक रणनीतिक योजना तैयार करे। उन्होंने पारंपरिक वाशरीज के स्थान पर नई वाशरीज के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा और 40 प्रतिशत से अधिक राख सामग्री वाले एलवीसी कोयले के लिए डीशेलिंग संयंत्र स्थापित करने का भी सुझाव दिया।

जेपीएल के ईवीपी श्री कपिल धगट ने डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन (डीआरआई) बनाने की प्रक्रिया, इस्पात निर्माण और गैसीकरण के विशेष संदर्भ में कोयला लाभ का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने सफलतापूर्वक इस्पात निर्माण प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक कोयले की विशेषताओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी और कोयला खनन के दौरान गुणवत्ता जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री धगट ने खदानों के पास नई वाशरीज स्थापित करने, अनुसंधान और विकास प्रयासों को बढ़ाने, मौजूदा वाशरीज का आधुनिकीकरण करने और विभिन्न क्षेत्रों को केवल धुले कोयले की आपूर्ति करने के बारे में जोर दिए जाने की सिफारिश की।

इसके अलावा, श्री गौतम सेनापति ने ब्लास्ट फर्नेस मार्ग में स्टील निर्माण में उपयोग के लिए उच्च ग्रेड गैर-कोकिंग कोयले की धुलाई पर चर्चा की। उन्होंने इस क्षेत्र में कोयले की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से पायलट स्तर पर 2-3 प्रकार के कोयले के अधिक नमूने लेने के लिए कोयला मंत्रालय (एमओसी) और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) से समर्थन का अनुरोध किया।

एक पैनल चर्चा की अध्यक्षता अपर सचिव श्री एम नागराजू ने की, जिसमें श्री आलोक पर्ती, पूर्व सचिव कोयला, श्री वीके तिवारी, पूर्व अपर सचिव कोयला, श्रीमती संतोष, डीडीजी एमओसी/सीसीओ, श्री अभिजीत नरेंद्र, जेएस स्टील, श्री वरिंदर धवन, कार्यकारी निदेशक, सेल और कैप्टन आर एस संधू, कार्यकारी अध्यक्ष, एसीबी जगत के दिग्गज और प्रतिनिधि शामिल हुए। चर्चा में कोयला धुलाई के प्रति समग्र दृष्टिकोण पर जोर दिया गया, जिससे कोयला आयात में कमी सुनिश्चित की जा सकती है और राष्ट्र कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अर्जित करने का लक्ष्य भी रख सकता है, जिससे देश की आर्थिक प्रगति और पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान प्राप्त होगा।

कोयला मंत्रालय के ओएसडी डॉ. पीयूष कुमार ने सेमिनार को शानदार ढंग से सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों का उनके बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि सेमिनार की सभी प्रस्तुतियां www.wmc-inc.org पर भी देखी जा सकती हैं। सेमिनार में 20 कंपनियों के 130 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

“कोयले की धुलाई – अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार ने क्षेत्र में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देते हुए स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का उत्पादन करने के लिए भारत के समर्पण पर जोर दिया है। अनुसंधान और विकास में निवेश, तकनीकी अनुकूलनता में सुधार और परिवहन बाधाओं को हल करके, भारत का लक्ष्य कोयला धुलाई की पूरी क्षमता को अर्जित करना और वैश्विक कोयला उद्योग में एक प्रमुख दिग्गज के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत बनाना है।

आपका सहयोग ही हमारी शक्ति है! AVK News Services, एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाचार प्लेटफॉर्म है, जो आपको सरकार, समाज, स्वास्थ्य, तकनीक और जनहित से जुड़ी अहम खबरें सही समय पर, सटीक और भरोसेमंद रूप में पहुँचाता है। हमारा लक्ष्य है – जनता तक सच्ची जानकारी पहुँचाना, बिना किसी दबाव या प्रभाव के। लेकिन इस मिशन को जारी रखने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। यदि आपको हमारे द्वारा दी जाने वाली खबरें उपयोगी और जनहितकारी लगती हैं, तो कृपया हमें आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को मजबूती दें। आपका छोटा सा योगदान भी बड़ी बदलाव की नींव बन सकता है।
Book Showcase

Best Selling Books

The Psychology of Money

By Morgan Housel

₹262

Book 2 Cover

Operation SINDOOR: The Untold Story of India's Deep Strikes Inside Pakistan

By Lt Gen KJS 'Tiny' Dhillon

₹389

Atomic Habits: The life-changing million copy bestseller

By James Clear

₹497

Never Logged Out: How the Internet Created India’s Gen Z

By Ria Chopra

₹418

Translate »