भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को देशभर में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। यह दिवस केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि भारत की एकता, अखंडता और राष्ट्रीय एकजुटता का प्रतीक है। स्वतंत्र भारत के निर्माण में सरदार पटेल की निर्णायक भूमिका और 562 रियासतों के एकीकरण में उनके अद्वितीय योगदान को सम्मानित करने के लिए इस दिवस का आयोजन किया जाता है।

इस वर्ष का राष्ट्रीय एकता दिवस 2025 विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर देशभर में भव्य आयोजन होंगे, जिनमें गुजरात के नर्मदा जिले स्थित एकता नगर (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) में मुख्य समारोह आयोजित किया जाएगा। यह समारोह भारत की “विविधता में एकता” की भावना को नए आयामों में प्रस्तुत करेगा।
सरदार पटेल: राष्ट्रीय एकता के शिल्पकार
स्वतंत्रता के बाद जब भारत अनेक रियासतों में विभाजित था, तब सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने दृढ़ नेतृत्व, दूरदर्शिता और अटूट राष्ट्रभक्ति से सभी रियासतों को एक राष्ट्र में जोड़ा। उन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी और देश की एकता को स्थायी रूप दिया। इसी कारण उन्हें “भारत के लौह पुरुष” और “राष्ट्रीय एकता के वास्तुकार” के रूप में जाना जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस नागरिकों को यह स्मरण कराता है कि भारत की अखंडता और एकजुटता किसी एक व्यक्ति की सोच नहीं, बल्कि एक निरंतर राष्ट्रीय भावना का परिणाम है — एक ऐसी भावना जिसे सरदार पटेल ने अपने जीवन से मूर्त रूप दिया।
एकता नगर में राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह
सतपुड़ा और विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित एकता नगर, भारत की विविध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का प्रतीक स्थल है। यहां इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित होने वाला समारोह कई मायनों में ऐतिहासिक और अद्वितीय होगा। मुख्य आयोजन में भव्य परेड और सांस्कृतिक उत्सव शामिल होंगे, जिनमें देश की सुरक्षा, संस्कृति और विविधता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
भव्य परेड का आकर्षण: सुरक्षा बलों का अनुशासन और वीरता
इस वर्ष की राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों की प्रभावशाली भागीदारी होगी। परेड में शामिल बलों में — सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) प्रमुख रूप से शामिल रहेंगे।
इसके अलावा, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, केरल और आंध्र प्रदेश राज्यों के पुलिस दस्ते भी परेड में भाग लेंगे।
इस वर्ष की परेड में पहली बार घुड़सवार दस्ते, ऊंट सवार दस्ते, और स्वदेशी नस्ल के श्वान दस्तों का प्रदर्शन शामिल होगा। इन विशेष प्रदर्शनों का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को सशक्त बनाना है।
महिला शक्ति की भूमिका
राष्ट्रीय एकता दिवस 2025 की परेड में महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की भागीदारी विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। प्रधानमंत्री को दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व एक महिला अधिकारी करेंगी।
CISF और CRPF की महिलाकर्मी भारत की बेटियों की शक्ति और साहस का प्रदर्शन करते हुए मार्शल आर्ट और शस्त्रविहीन युद्धाभ्यास प्रस्तुत करेंगी।
विशेष प्रदर्शन: स्वदेशी श्वान और देशभक्ति का संगम
इस वर्ष की परेड का एक अनोखा आकर्षण होगा BSF का भारतीय नस्ल के श्वानों (डॉग स्क्वाड) का प्रदर्शन। इनमें रामपुर हाउंड्स और मुधोल हाउंड्स जैसी स्वदेशी नस्लें शामिल होंगी, जिन्होंने सीमा सुरक्षा और ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
खास बात यह है कि हाल ही में अखिल भारतीय पुलिस श्वान प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली मुधोल हाउंड “रिया” इस वर्ष की परेड में लीड डॉग के रूप में शामिल होगी।
NCC कैडेट्स और एयर शो
राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के कैडेट्स और स्कूल बैंड अपने अनुशासन और ऊर्जा से परेड की शोभा बढ़ाएंगे। उनका प्रदर्शन युवाओं में “एकता में शक्ति” के संदेश को और प्रबल करेगा।
इसके साथ ही, भारतीय वायु सेना की सूर्य किरण टीम का शानदार एयर शो भी समारोह का मुख्य आकर्षण रहेगा, जो राष्ट्रभक्ति और गर्व की भावना को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
विविधता में एकता – राज्यों की झांकियां
इस वर्ष परेड में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 10 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी।
इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), गुजरात, जम्मू-कश्मीर, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, मणिपुर, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और पुडुचेरी की झांकियां शामिल होंगी।
ये झांकियां “विविधता में एकता” के थीम को सजीव रूप में प्रस्तुत करेंगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और भारत पर्व
राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में लगभग 900 कलाकार भाग लेंगे। वे भारतीय शास्त्रीय नृत्य और लोककला के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विविधता का संदेश देंगे।
इसके अतिरिक्त, 1 से 15 नवंबर 2025 तक “भारत पर्व” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक प्रदर्शन, लोकनृत्य, कला प्रदर्शनी और खान-पान महोत्सव शामिल होंगे।
इस पर्व का समापन 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा जयंती के विशेष कार्यक्रमों के साथ होगा, जिसमें जनजातीय समुदायों की गौरवशाली संस्कृति को सम्मानित किया जाएगा।