सिम्स में 70 तो जिला अस्पताल में 40 लोगों को रोजाना लग रहे इंजेक्शन
बिलासपुर: सर्दियों का मौसम है और गली के कुत्तें लोगों पर कहर बरपा रहे हैं। शहर में इन दिनों अचानक डॉग बाइट के मामले बढ़ गए हैं। वहीं इस दौरान नगर निगम की कार्रवाई बंद होने से कई मोहल्ले और कालोनी से लोगों का रात में निकलना मुश्किल हो चुका है। आवारा कुत्ते इन दिनों आक्रामक दिखाई दे रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि रोजाना कुत्तों के आंतक के शिकार लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। शहर में सिम्स और जिला अस्पताल में रोजाना 150 से अधिक मरीज रैबीज का इंजेक्शन लगवा रहे हैं। यह आंकड़ा महज दो अस्पतालों का है, निजी और सरकारी अस्पतालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। ऐसे में डॉग बाइट के शिकार लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

सिम्स में रोजाना 70 से 80 लोगों को रैबीज के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इसमें से आधे नए हैं। लोगों को स्ट्रीट डॉग से दूर रहना चाहिए। खासकर छोटे बच्चों को डॉग से बचाया जाना चाहिए।
– डॉ लखन सिंह, अधीक्षक सिम्स बिलासपुर
सिम्स में रोजाना 70 लोगों को रैबिज का इंजेक्शन लगाना पड़ रहा है, इसमें से 30 से 35 लोग नए मरीज रहते हैं, वहीं वहीं जिला अस्पताल में भी 30 से 40 लोग रोजाना इंजेक्शन लगाने पहुंच रहे हैं। जानकारों के मुताबिक सर्दियों का समय स्ट्रीट डॉग के लिए प्रजनन का समय होता है, ऐसे में कुत्ते आक्रामक व्यवहार करते हैं। हर गली और मोहल्ले में इनकी तादात बढ़ चुकी है। ऐसे में शाम होते ही लोगों का बाहर निकलना दूभर हो जाता है। डॉग बाइट के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे और महिलाएं हो रही हैं।
