सुनो शिक्षको ध्यान से सुनो बच्चों के पास जाने से पहले फेफड़ों से निकाल फेकों ठहरा…
Category: कविता
उसे कुछ नहीं आता: प्रमोद दीक्षित मलय
शिक्षक, सहपाठी और बच्चे, सभी कहते हैं, उसे कुछ भी नहीं आता, नहीं सीखना है उसे…
सुरेश सिंह बैस “शाश्वत” को नेपाल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय हिंदी “काव्य शिरोमणि सम्मान” प्राप्त
नगर के प्रतिष्ठित साहित्यकार सुरेश सिंह बैस "शाश्वत" को शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय फाउंडेशन लुम्बिनी, नेपाल द्वारा…
राम नाम ही सत्य है
सांच राम कौ नाम है, जानत है संसार। मोह जगत कौ झूठ है,राम नाम दे तार।।…
बदलता ही नहीं
दो साल से, खरीदकर रखा हूं, पांच रुपए वाला नमकीन का एक पैकेट।...
पश्चाताप – दुर्गेश्वर राय
पेड़ की वो मोटी जड़, निर्निमेष निहारती रहती है फलों को,...
साहित्यिक संस्था हिन्दी की गूँज ने “सावन की फुहार” कार्यक्रम का आयोजन आभासी पटल पर किया
दिल्ली, देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था हिन्दी की गूँज ने बीते रविवार की शाम को "…
वोट खातिर जोत देले बा खेत खलिहान
वोट खातिर जोत देले बा खेत खलिहान। अपना देश के नेता लोग महान। गांवे-गांवे घुमत बा…
फ़ाग
कान्हा खेलो तुम डटके फाग कि रंग दो मेरी चुनरिया मैं न रोकूंगी तुमको आज
होली आई लेकर महंगाई
होली आई होली आई। भर के पिचकारी में महंगाई। अब कैसे खेलें हम रंग-रंग अब कैसे…