कहानी: वो मास्टरनी

मैं उसे ‘मास्टरनी’ कहकर ही पुकारता था। वैसे तो वो डिग्री कालेज में प्रोफेसर थी मगर…

“वो अड़तालीस घंटे”

आज से करीब तीस वर्ष पूर्व की यह घटना है। बात शुरू होती है भिलाई स्टील…

बस स्टैंड की वह रात….? 

ये सन् 1995,  29 दिसंबर की ठिठुरती सर्द रात्  की बात है। तकरीबन रात्रि के उत्तरार्ध…

लघुकथा: मच्छर

मुंबई शहर की एक बिल्डिंग में मच्छरों का आतंक था। सबने मिलकर पेस्ट कंट्रोल कराया। सारी बिल्डिंग…

कहानी: बौना बालक

जिन्दगी में बहुत सारे अवसर ऐसे आते है जब हम बुरे हालात का सामना कर रहे होते…

एक छोटे शहर से आपके दिलों तक पहुंचने वाले यह ऑडियो सीरीज़ राइटर्स अपनी लेखनी से जीत लेंगे आपका दिल, जानिए !

दिल को छू देने वाली ऑडियो कहानियों की लहर में बह जाने के लिए तैयार हो…

क्रांतिकारियों को शब्द सुमन चढ़ाती कृति ‘राष्ट्र साधना के पथिक’ 

देश के स्वाधीनता संघर्ष में योगदान देने वाले के बहुश्रुत क्रांतिकारियों के साथ ही गुमनाम नायकों…

पहाड़ी लोक संस्कृति का सुरभित पवन प्रवाह है बराली एक्सप्रेस

बचपन में स्वप्न हैं, सवाल हैं और कल्पनाएं भी। चुनौतियां हैं तो उनसे जूझने और पार…

स्टेजिंग एरिया : मानवीय व्यवहार, कर्तव्य एवं संवेदनाओं का कोलाज

वह शनिवार की खूबसूरत शाम थी। जब मैं घर आया तो मेरी मेज पर बुक पोस्ट…

“सूनसान सड़क और वह महिला”

मैं बाइक लेकर घर से निकला ही था कि पैदल जा रहे युवक ने लिफ्ट का…

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