अर्जुनराम मेघवाल: संघर्ष एवं सेवा से तपा हुआ व्यक्तित्व

आजादी के अमृतकाल को अमृतमय बनाने, सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय और वसुधैव कुटुंबकम के ध्येय को प्राप्त करने एवं अखिल विश्व के कल्याण के लिये संकल्पबद्ध प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के इस अनुष्ठान में समर्पण और कर्त्तव्यनिष्ठा से जो व्यक्ति निरन्तर प्रयत्नशील हैं उनमें एक चमकता-दमकता नाम है श्री अर्जुनराम मेघवाल । हाल में उन्हें पदोन्नत करते हुए केन्द्रीय कानून मंत्री बनाया गया है। वे अटल कार्यकर्ता, निष्णात प्रशासक, राजनीति में नैतिकता और संवेदनशीलता का समुच्चय है।

उनका वैशिष्ट्य केवल नरेन्द्र मोदी सरकार के सफलतम मंत्री के रूप में ही नहीं, अपितु उनके व्यक्तित्व के बहुआयामी फलक को हर भाजपा कार्यकर्ता को समझने की आवश्यकता है। कुशल जिलाधीश, सांसद एवं मंत्री होना इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना उत्कर्ष के शिखर पर पहुंचकर भी कार्यकर्ता एवं सरलमना बना रहना है। मेघवाल भाजपा ही नहीं, देश के ऐसे विरले नेताओं में हैं जो हर दायित्व के साथ खुद को कार्यकर्ताभाव एवं दायित्वशीलता के साथ संयुक्त करने में सफल रहे हैं।

भारतीय राजनीति में नैतिक मूल्यों, राष्ट्रवादी विचारधारा, संघर्ष और सेवा में तपने वाले अर्जुन राम मेघवाल को उनके सतत पुरुषार्थ, सद्भावना, उत्कृष्ट राष्ट्रसेवा, ईमानदार प्रशासक और निरन्तर उत्कृष्ट कार्यों की ओर संलग्नता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनके उत्कृष्ट एवं बेदाग जीवन का ही परिणाम है कि वे राजनीति में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हुए।

राजस्थान के गौरव, बीकानेर लोकसभा के सांसद, भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं सुदीर्घ प्रशासनिक एवं राजनीतिक सेवाओं का अनूठा इतिहास रचने वाले श्री मेघवाल को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय कानून एवं न्याय मंत्री का पद देकर उनको जो सम्मान दिया है, उन पर जो विश्वास व्यक्त किया है, यह एक अनूठी घटना है।

चुरू जिले के जिलाधीश रहते हुए वे निरंतर अणुव्रत कार्यक्रमों में भागीदार बनते रहे, तभी उनकी नैतिक मूल्यों के प्रति निष्ठा को देखते हुए आचार्य श्री महाप्रज्ञजी ने उन्हें राजनीति में आने का सुझाव दिया। गुरु से मिले आशीर्वाद को उन्होंने स्वीकार किया और राजनीति में सक्रिय हो गए। त्याग करने वालों की साधना ही सिद्धि का द्वार खोलती है। वे पूर्व में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री एवं जल संसाधन गंगा विकास मंत्री रह चुके हैं।

अर्जुन राम मेघवाल की मात्र 13 वर्ष की उम्र में पाना देवी से शादी हो गई। पढ़ाई में उनकी कितनी दिलचस्पी थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी थी। अपने बुनकर पिता के साथ काम में हाथ बंटाते हुए मेघवाल ने बीकानेर के राजकीय डूंगर कॉलेज से उन्होंने बीए की डिग्री ली थी। राजनीति में आने से पूर्व वे आरएएस से पदोन्नत होकर आईएएस बने और राजस्थान में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं देते हुए प्रदेश के विकास में सहभागी बने। श्री मेघवाल अपनी अनूठी एवं विलक्षण विशेषताओं के कारण वे जन-जन में लोकप्रिय हैं। वे एक सच्चे सामाजिक कार्यकर्ता हैं वहीं उत्कृष्ट समाज सुधारक हैं और संवेदनशील जनसेवक हैं।

अर्जुनराम मेघवाल

वे सादगी एवं सरलता के अद्भुत मिसाल हैं। इसका बड़ा उदाहरण यह है कि सरकार की तरफ से कार मिलने के बावजूद वे साइकिल पर घूमना एवं संसद जाना पसंद करते हैं। उनकी यह पसंद चर्चा में तब आई जब वे शपथग्रहण समारोह में राष्ट्रपति भवन साइकिल से ही पहुंचे।

कानून मंत्री बनाये जाने पर भी उन्होंने अपनी पारम्परिक वेशभूषा धोती-कुर्ता एवं राजस्थानी पगड़ी को कायम रखा। श्री नरेन्द्र मोदी के विश्वस्त नेताओं में से वे एक माने जाते हैं। एक टेलीफोन आपरेटर से देश के कानून मंत्री बनने तक की यात्रा एक कर्मयोद्धा की यात्रा एवं यशस्वी जीवन की दास्तान है, वे सफल राजनेता, योजनाकार, प्रशासक एवं लाखों लोगों के प्रेरणास्रोत हैं। अब श्री मेघवाल एक नाम नहीं, एक व्यक्तित्व नहीं, एक संस्था बन गये हैं, राष्ट्र की धारा को मोड़नेवाला नेतृत्व बन गये हैं।

श्री अर्जुन राम मेघवाल की अनेकानेक विशेषताओं में एक प्रमुख विशेषता यह है कि वे सदा हंसमुख रहते हैं। वे अपने गहन अनुभव एवं आध्यात्मिकता के कारण छोटी-छोटी घटना को गहराई प्रदत्त कर देते हैं। अपने आस-पास के वातावरण को ही इस विलक्षणता से अभिप्रेरित करते हैं। उनकी सहजता और सरलता में गोता लगाने से ज्ञात होता है कि वे गहरे मानवीय सरोकार से ओतप्रोत एक अल्हड़ व्यक्तित्व हैं। संसार और अपने परिवेश को देखने की उन्होंने बड़ी वेधक मानक दृष्टि विकसित कर ली है। वह जितनी संलग्न उतनी ही निस्संग और निर्वैयक्तिक है।

यही मानक दृष्टि उनके व्यक्तित्व और कर्तृत्व को समझने की कुंजी है।  श्री मेघवाल उत्तरोत्तर अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व के माध्यम से उदात्त मनस्विता, आदर्श राजनीति एवं समाजसेवा का स्वर संचालित करते रहें, आजादी के अमृतकाल में अमृत पुरुष के रूप में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं से राष्ट्र को अभिप्रेरित कर कानून मंत्री के रूप में देश की कानूनी खामियों को दूर करने को तत्पर हुए है। आपके नेतृत्व में आजादी का अमृत काल देश की कानून व्यवस्थाओं के लिए भी अमृतमय बनेगा, ऐसा हमें विश्वास है। आपके संबंध यह आश्चर्य का विषय नहीं है कि आप इतने अधिक विषय जानते हैं, इतना अधिक जिम्मेदारी के कार्यों का निर्वाह करते हैं, फिर भी आश्चर्य का विषय यह है कि आप हमेशा अल्हड़ और निश्चिंत दिखाई देते हैं।

प्रायः लोगों से घिरे रहते हैं, जीवन के सारे कार्य पूरा समय देकर मनोयोगपूर्वक पूरा करते हैं। एक नया इतिहास बनाने निकल पड़ते हैं, भीतरी ऊर्जा के सतत प्रवाह के साथ।

सचमुच श्री मेघवाल जी भारतीय राजनीति एवं राजस्थानी समाज के लिए एक ऐसे प्रेरणापुरुष हैं जिनकी फकीरी एवं सादगी ने सारी किंवदतिंयां झुठला दी है। आपका दिल और द्वार सदा और सभी के लिए खुला रहा अनाकांक्ष भाव से। जैसे यह स्वभाव का ही एक अंग है। मित्रों की सहायता के साथ हर जरूरतमंद की सहायता के लिए आप सदा तत्पर रहते हैं। अपना दुख कभी नहीं कहा किन्तु दूसरों का दुख अवश्य बांटते रहे।

आप एक गहन मानवीय चेतना के चितेरे राजनीतिक व्यक्तित्व हैं। आपके जीवन के सिद्धांत मानवीयता की गहराई से जुड़े हुए हैं और उस पर आप अटल भी रहते हैं किन्तु किसी प्रकार की रूढ़ि पूर्वाग्रह आपको छू तक नहीं पाता। आप हर प्रकार से मुक्त स्वभाव के हैं और यह मुक्त स्वरूप भीतर की मुक्ति का प्रकट रूप है।

यह आपके व्यक्तित्व की बड़ी उपलब्धि है। हालही में मेरे नवभारत टाइम्स के स्पीकिंग ट्री में प्रकाशित मेरे लेखों की मेरी पुस्तक ‘जीवन का कल्पवृक्ष’ का लोकार्पण करते हुए बड़ी सहजता से कहा कि ये लेख मैं पड़ता रहता हूं आप मेघवालजी भारत के आदर्श राजनेता हैं। आप जननायक हैं, जन-जन की आस्था के केंद्र हैं। आप व्यक्ति-क्रांति ही नहीं बल्कि समाज-क्रांति के भी उत्प्रेरक हैं।

आपने अपने समय के रूढ़िग्रस्त समाज में एक नयी चेतना का संचार किया। आपका व्यक्तित्व इतना आकर्षक है कि जो भी व्यक्ति एक बार आपके सम्पर्क में आ जाता, वह आपके प्रेम एवं अपनत्व से अभिभूत हो जाता। आप में समन्वय की प्रखर निष्ठा है।

आप सचमुच चित्रता में मित्रता के प्रतीक हैं एवं शीतलता की छांह देने वाले बरगद है। युग की नब्ज को पहचानकर राजनीतिक धर्म के अपने उत्तरदायित्व को निभाना आप भलीभांति जानते हैं। आपके जीवन एवं गतिविधियों में क्रांति के स्फुलिंग उछलते रहते हैं। आपकी क्रांतिकारिता इस अर्थ में अधिक सार्थक है कि आप अपनी बात को निर्भीक रूप से कहते हैं। आप इस बात से कभी भयभीत नहीं होते कि आपकी बात सुनकर कोई नाराज हो जायेगा।  

श्री मेघवालजी के विचारों में देश, समाज, परिवार एवं व्यक्ति की हजारों समस्याओं का समाधान है। आपके कदमों में कहीं लड़खड़ाहाट, शंका, थकावट या बेचैनी नहीं है। यही कारण है कि आपके हर कदम, हर श्वास, हर वाक्य तथा हर मोड़ में नया आत्म-विश्वास झलकता है, राष्ट्र निर्माण के लिए, हिन्दू संस्कृति के लिए, नैतिक मूल्यों के लिए। इसे इस अर्थ में समझने की जरूरत है कि कैसे एक मध्यमवर्गीय परिवार का युवा अपने ध्येय के लिये समर्पित भाव से आगे बढ़ता हुआ देश के संसदीय व्यवस्था को संपुष्ट करते हुए देश के सियासी नवरत्नों में स्थापित हो जाता है।

सिर्फ सत्ता के लिये सियासत का वरण करने वाले नये लोगों के लिये मेघवाल एक अनूठा उदाहरण है। इस उदाहरण बनने का कोई शॉर्टकट नहीं है, एक पूरी साधना है, एक अनुशासन है, एक वैचारिक अनुष्ठान है, एक समग्र नैतिक निष्ठा है और इन सबके साथ संयम, समर्पण एवं संतुलन का एक अति विशिष्ट समावेश है। वे राजस्थान की राजनीति के अजातशत्रु है, जिनका कोई राजनीतिक शत्रु नहीं है। यही उनकी समन्वयक की असली निशानी है। यही उनका मौलिक वैशिष्ट्य भी है, जो उन्हें अद्भुत एवं अनूठा बनाता है।

ललित गर्ग
ललित गर्ग


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